✨ क्या भगवान सच्चे मन से की गई प्रार्थना को कभी अनदेखा करते हैं? पढ़िए एक गरीब किसान की वो कहानी जो सिखाती है कि सच्ची भक्ति में ही भगवान का वास होता है।
"गरीब किसान और भगवान शिव -एक भक्त की सच्ची कहानी जो दिल को छू जाए"
एक समय की बात है। एक गांव में एक गरीब किसान रहता था जो हर दिन भगवान शिव जी की पूजा किया करता था। उसके पास ना तो ज्यादा धन था, ना ही रहने के लिए एक सुंदर घर था ,बस थोड़ा सा उसका जमीन था जिसमे वो खेती करके अपना और अपने परिवार का निरवाह कर रहा था ,लेकिन वो एक सच्चा और ईमानदार था,उसके गाँव से कुछ दूर पर एक भगवान भोले नाथ का मंदिर था !
वो हर सोमवार को वंहा जाया करता है और शिवलिंग पर जल चढ़ाता है और भगवान से कहता “हे भोलेनाथ! मेरे पास कुछ नहीं, बस तुम्हारा नाम है, अभी मै केवल आपको जल चढ़ा पता हु !
और उसे जल चढ़ाते देख गांव वाले उसका मज़ाक उड़ाते – “और उसे कहते सिर्फ पानी चढाने से क्या होगा?” लेकिन किसान कभी भी उनके बातो पर धयान नही देता है।
एक बार गांव में सबकुछ सूखा पड़ने लगा ,सब फसल बर्बाद होने लगा ,सारे गांव वाले बहुत परेशान होने लगे और जैसे-जैसे समय गुजरता गया और फिर पूरा गांव सूखा पड़ गया,सारे किसानो का फसल बर्बाद हो गया लेकिन सिर्फ उसी किसान के खेत में हरियाली थी। लोग हैरान रह गए। तब उन्हें गांव के पुजारी जी बताते है की – “जिसके पास सच्ची भक्ति होती है, उसकी रक्षा स्वयं भगवान करते हैं ,भगवान को पर्सन करने के लिए चढ़ावे की जरुरत नहीं होती है ,भगवान तो सच्ची भक्ति और प्रेम के भूके होते है उस किसान के पास भगवान को देने के लिए कुछ भी नहीं था , फिर भी वो भगवान की पूजा सच्चे मन से और निर्स्वाथ भाव से करता था।”
फिर कुछ दिन बाद एक रात में भगवान भोले नाते जी उसके सपने में आते है – शिवजी मुस्कुरा रहे थे और कह रहे थे – “तेरी सादगी में जो भक्ति है, वही मुझे प्रिय है।”
सीख: भगवान को धन नहीं, मन चाहिए उनके प्रति समर्पन ,प्रेम और श्रद्धा से किये गए पूजा बस यही भगवान को प्रिये लगते है। सच्चे दिल से की गई प्रार्थना हमेशा सुनी जाती है।
